ढोंगी बाबा |
असलियत- जीभ पर कपूर जलाने व आग खाने के सवाल पर जानकार कहते हैं की आग की लौ कपूर के निचले हिस्से तक नहीं पहुंचता। गैस बनने के चलते कपूर जीभ पर पिघल कर नहीं फैलती है। गीली जवान होने की वजह से भी आंच नहीं लगती। मुह बंद करते हीं ऑक्सीज़न की कमी मे आग खुद व खुद बुझ जाता है ।
कुछ ऐसे भी प्रश्न है जो हमेशा दिमाग मे आती है और उत्तर नहीं मिलने पर चमत्कार समझ लेते हैं। जैसे
प्रश्न - क्या सचमुच चमत्कार होता है ??
उत्तर - नहीं , यह हमारे देखने का नजरिया होता है चमत्कार दिखाकर मन मे वहम पैदा करना होता है और कुछ नहीं। हम उसे जिस रूप मे देखेगे वह हमे उसी रूप मे दिखता है। चमत्कारों का सच जानने के लिए हमे चमत्कारों के अंदार झांकना होगा।
प्रश्न - आग पर नगे पैर चलना कैसे मुमकिन होता है ??
उत्तर - दहकते अंगारों को बराबर बिछा कर उसे 4 या 5 सेकंड के अंदर नंगे पैर पार किया जा सकता है। इस दौरान पैरों के तलवे की नमी के भाप बनने से हमारा पैर नहीं जलता। और खास कर ऐसे इस्थिति मे पैर धो कर पार किया जाए तो 6 या 7 सेकंड तक पार किया जा सकता है।
अंत मे कहेंगे की ऐसे किसी चमत्कारों के चक्कर मे ना पड़ें। यहाँ सिर्फ घाटा के अलावा फाइदा ना होगा। सतर्क रहें।
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