तर्ज : फूल तुम्हें भेजा है
बतन हबाले किया तुम्हारे- 2
रखना लोगो तुम जतन
अंधी आए तूफान आए
डिगा न पाया कोई चमन
बतन हबाले किया............
खून से इसको सींचा सींचा हमने
कांटो से इसको चुना है
होगा न कोई जग मे दूजा
ऐसा ढांचा बुना है
इस ढांचे को स्वर्ग बनाके
जग मे इसको चमकाना है
तारों से अंचाल को भरना है
आओ करे सब मिलके नमन
बतन हबाले किया ..............
अपने लहू का जाम पिलाना
जीवन दीप जालना तुम
महकती फूलों की सेज लगाकर
अंग-अंग महकना तुम
चाँदनी देखे तो शरमाये
झुककर वो करे नमन
हँसे नजारे हँसे सितारे
चरो ओर रहे अमन
बतन हबाले किया तुम्हारे
रखना लोगो तुम जतन
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