तेरे माथे की बिंदिया चमकती रहे
तेरे आजादी की मेहंदी महकती रहे
इन तिरंगों की रौनक सलामत रहे
हमेसा अंबर मे लहराता रहे।
मुबारक हो सबको ये आजादी हमारी
सदा खुश रहो सब दुआ है हमारी
तुम्हारे कदम चूमे ये दुनिया सारी
सदा खुश रहो सब दुआ है हमारी
तुम्हारे लिए है बहारों का मौसम
न आए बतन मे कभी भी कोई गम
हमारा है क्या यार हम हैं आजादी के दीवाने
बतन की अगन मे तड़पना हम जाने
करे न तिरंगे पे कोई अत्याचारी
सदा खुश रहो सब दुआ है हमारी
की वीरों से रिसते नहीं तोड़े जाते
बतन का ये दमन नहीं छोड़े जाते
तुम अपनी कर्तव्यों को ना भूल जाना
बतन का कसं है उसे तुम निभाना
गुलामी मे हमने उम्र है गुजारी-2
सदा खुस रहो ये दुआ है हमारी
मुबारक- मुबारक – 2
मुबारक- मुबारक – 2
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